आज के समय में नौकरी की कोई गारंटी नहीं रही है, चाहे वो भारत की सबसे बड़ी आईटी कंपनियों में से एक इंफोसिस ही क्यों न हो। हाल ही में इंफोसिस ने 240 से ज़्यादा नए कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया। ये सभी युवा 2022 में ऑफर लेटर मिलने के बाद अक्टूबर 2024 में कंपनी से जुड़े थे, लेकिन कुछ ही महीनों बाद उन्हें कंपनी के अंदर की ट्रेनिंग एसेसमेंट पास न कर पाने के कारण बाहर का रास्ता दिखा दिया गया।
इंफोसिस का कहना है कि यह प्रक्रिया पिछले दो दशकों से चली आ रही है, और उनका उद्देश्य अपने क्लाइंट्स को सिर्फ टॉप-क्वालिटी टैलेंट देना है। तीन बार इंटरनल एग्ज़ाम में फेल होने पर किसी भी फ्रेशर को निकाला जा सकता है। हालांकि कंपनी का दावा है कि वो इन युवाओं को मुफ्त में दोबारा स्किल्स सिखाने का मौका देती है, लेकिन इस घटना ने लाखों छात्रों को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या सिर्फ डिग्री और एक नौकरी का सपना अब पर्याप्त है?
यह सिर्फ इंफोसिस तक सीमित नहीं है। हाल के कुछ वर्षों में देश और दुनिया की कई बड़ी कंपनियों जैसे TCS, Wipro, Accenture, Google और Amazon ने भी भारी संख्या में कर्मचारियों की छंटनी की है। कभी प्रोजेक्ट्स की कमी, कभी बजट कटौती, तो कभी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे नए टेक्नोलॉजी टूल्स के कारण नौकरियां खत्म हो रही हैं। इस दौर में सिर्फ एक बात बिल्कुल साफ है—अब नौकरी स्थाई नहीं रही।
ऐसे समय में युवाओं को यह समझने की सख्त ज़रूरत है कि भविष्य उन्हीं का है जो समय के साथ खुद को अपडेट करते हैं, और जो सिर्फ एक डिग्री के भरोसे नहीं बैठते। हमें यह समझना होगा कि अब नौकरी मिलने से ज़्यादा ज़रूरी है अपनी स्किल्स को मजबूत बनाना। तकनीकी ज्ञान, कम्युनिकेशन स्किल, डिजिटल मार्केटिंग, ग्राफिक डिजाइनिंग, कोडिंग, वीडियो एडिटिंग और फ्रीलांसिंग जैसे क्षेत्र आज हर जगह डिमांड में हैं।
फ्रीलांसिंग अब करियर का एक वैकल्पिक रास्ता नहीं, बल्कि एक मजबूत विकल्प बन चुका है। हजारों भारतीय युवा अब Fiverr, Upwork और Freelancer जैसी साइट्स पर इंटरनेशनल क्लाइंट्स के लिए काम कर रहे हैं और ₹30,000 से लेकर ₹1,00,000 तक हर महीने कमा रहे हैं। इसके लिए जरूरी है कि आप एक मजबूत स्किल सीखें, प्रैक्टिस करें, प्रोजेक्ट्स बनाएं और एक अच्छा पोर्टफोलियो तैयार करें।
कॉलेज की पढ़ाई के साथ-साथ एक स्किल जरूर सीखें। ये आपकी सुरक्षा की तरह काम करेगा, खासकर तब जब कंपनियां अनिश्चितता से भरे फैसले लें। यह जरूरी है कि हर युवा हर छह महीने में एक नई स्किल सीखे, चाहे वो डिजाइनिंग हो, डिजिटल मार्केटिंग हो या फिर कोडिंग। दुनिया तेजी से बदल रही है, और जो खुद को बदलता है, वही इसमें टिकता है।
नौकरी का सपना देखना गलत नहीं है, लेकिन सिर्फ उसी पर निर्भर रहना अब समझदारी नहीं है। अपनी मेहनत, स्किल और अनुभव पर भरोसा करें। अपने जीवन के निर्णय खुद लें और खुद को ऐसा बनाएं कि आपको कोई नौकरी दे, ये आपका लक्ष्य न होकर, आपसे लोग काम करवाना चाहें, ये आपकी ताकत हो।
इंफोसिस जैसी घटनाएं युवाओं के लिए एक चेतावनी हैं कि अब समय आ गया है, जब सिर्फ मार्कशीट से नहीं, बल्कि स्किलसेट से भविष्य बनेगा। अब किसी कंपनी की नौकरी को मंज़िल मत मानिए, बल्कि खुद की काबिलियत को मंज़िल बनाइए।
आज से ही ठान लीजिए कि आप किसी एक स्किल में मास्टर बनेंगे। आप अपने समय का सही उपयोग करेंगे। आप सिर्फ एक एम्प्लॉयी नहीं, बल्कि एक प्रोफेशनल बनेंगे, जो फ्रीलांसिंग कर सकता है, क्लाइंट्स से डील कर सकता है, और खुद का ब्रांड बना सकता है। यही सोच आज के हर युवा को सफलता की राह पर ले जा सकती है।
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