भारतीय क्रिकेट में एक ऐतिहासिक पल तब आया जब बिहार के एक 13 वर्षीय बालक, वैभव सूर्यवंशी ने इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में सबसे कम उम्र में शामिल होने का रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया। आईपीएल 2025 की नीलामी में, राजस्थान रॉयल्स ने उन्हें 1.1 करोड़ रुपये में खरीदा, जिससे वे न केवल सुर्खियों में आए, बल्कि भारतीय क्रिकेट के इतिहास में भी एक नया अध्याय जोड़ दिया।
वैभव सूर्यवंशी का जन्म 27 मार्च 2011 को हुआ था। मात्र 13 वर्ष की उम्र में उन्होंने जो उपलब्धियां हासिल की हैं, वे कई अनुभवी खिलाड़ियों के लिए भी सपना मात्र होती हैं। जनवरी 2024 में, उन्होंने 12 वर्ष और 284 दिनों की उम्र में बिहार के लिए रणजी ट्रॉफी में पदार्पण किया। इसके बाद उन्होंने ऑस्ट्रेलिया अंडर-19 के खिलाफ यूथ टेस्ट में मात्र 58 गेंदों में शानदार शतक जमाकर सभी का ध्यान आकर्षित किया। यह पारी उन्हें भारत का सबसे कम उम्र में अंतरराष्ट्रीय यूथ शतक बनाने वाला बल्लेबाज बना गई, साथ ही यह भारत की ओर से सबसे तेज यूथ टेस्ट शतक भी था।
बिहार के एक छोटे से कस्बे से आईपीएल की चकाचौंध तक वैभव की यात्रा संघर्ष, समर्पण और पारिवारिक सहयोग की मिसाल है। उनके पिता, संजीव सूर्यवंशी, कभी खुद क्रिकेटर बनना चाहते थे। हालांकि उनका सपना पूरा नहीं हुआ, लेकिन उन्होंने अपने बेटे के सपनों को पूरा करने के लिए दिन-रात मेहनत की। मुंबई में छोटे-मोटे काम कर के उन्होंने वैभव की ट्रेनिंग, किट और ट्रैवल का सारा खर्च उठाया।
वैभव ने अपनी प्रतिभा का परिचय सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में दिया, जहाँ उन्होंने अनुभवी गेंदबाजों के खिलाफ शानदार बल्लेबाज़ी की। राजस्थान के अनुभवी तेज़ गेंदबाज़ अनीकेत चौधरी के खिलाफ दो छक्के मारकर उन्होंने खुद को साबित कर दिखाया कि वह किसी से कम नहीं हैं।
आईपीएल 2025 की नीलामी में जब राजस्थान रॉयल्स ने वैभव पर बोली लगाई, तो शायद ही किसी को उम्मीद थी कि बोली 1.1 करोड़ रुपये तक पहुँच जाएगी। यह एक ऐतिहासिक क्षण था, जिसने उन्हें आईपीएल के सबसे कम उम्र के खिलाड़ी का गौरव दिलाया। राजस्थान रॉयल्स हमेशा से युवा खिलाड़ियों को मौका देने के लिए जानी जाती है, और वैभव पर उनका भरोसा इस परंपरा को आगे बढ़ाता है।
वैभव की खासियत केवल उनकी उम्र नहीं, बल्कि उनकी बल्लेबाज़ी में परिपक्वता, आक्रामक लेकिन संतुलित खेलने का तरीका, और दबाव में शांत रहने की क्षमता है। क्रिकेट विशेषज्ञों का मानना है कि यदि उन्हें सही मार्गदर्शन और अनुभव मिला, तो वे भविष्य में भारत के सबसे चमकते सितारों में से एक बन सकते हैं।
आईपीएल 2025 के नज़दीक आते ही क्रिकेट प्रेमियों की निगाहें अब इस युवा खिलाड़ी पर टिकी हुई हैं। बड़े मंच पर खेलना, लाखों दर्शकों की उम्मीदें और टीम की ज़िम्मेदारी – यह सब किसी भी युवा के लिए चुनौती हो सकती है, लेकिन वैभव सूर्यवंशी उस चुनौती के लिए तैयार नजर आते हैं।
अंत में, वैभव की कहानी केवल एक रिकॉर्ड की नहीं, बल्कि यह एक सपने के सच होने की कहानी है। यह संघर्ष, लगन और जुनून की कहानी है, जो यह बताती है कि उम्र कोई सीमा नहीं होती। अगर प्रतिभा हो और सही समर्थन मिले, तो कोई भी बच्चा दुनिया के सबसे बड़े मंच पर अपनी पहचान बना सकता है।
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